गली म दादा बनके घुमयख़ुद का बने खलीफा
जब देखा तब कराय लराई गए रत माँ पीटा
inaki इतनी नियत बुरी है करत बुरे है काम
एक नाम से नही है माहिर कई है इनके नाम
राम्कालिया कई सीना नापे हाथ माँ लेके फीता
जब देखा तब कराय लराई गए रत माँ पीटा
उधिया बुधिया कुछ ना देखे सबसे आँख लारवे
हम उमर कौनव मिल जाय घर अन्दर बुलावे
यही चक्कर माँ काल दुपहर जम के गए घसीटा
जब देखा तब कराय लराई गए रत माँ पीटा
रुज का इनका पेशा होइगा जब देखा तब थाने माँ
राह चलतु कराय ये झगरा घर माँ मारे ईता
जब देखा तब कराय लराई गए रत माँ पीटा
घर के लोगे बोइलय न मुह से अगल बगल केइ bहगे
जब आवे ये गली के अन्दर रतिया भाई सब जागे
इनकी इतनई नियत है बिगरी रोजी जैहे sईंचा
जब देखा तब कराय लराई गए रत माँ पीटा
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