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शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010

होली है भाई होली है॥ समस्त जानो को हमारी तरफ से होली की शुभकामनाये..

सतरंगी ई तोहरी चुनरिया॥

कहवा डाली रंग॥

प्रेम रुपी पी मदिरा हम॥

ऊपर से पी भंग॥

कहा हम रंग डाली॥

कहा तोहका तन्कारी॥

आवा रंग लगावा॥

होली माँ उधम मचावा॥

होली है भाई होली है॥

बुरा न मानो होली है॥

मनमौजी की टोली है॥

होली है भाई होली है॥

पिरितिया से नाता तोडू॥

कैसे छोड़ दिहिव तू॥ सात जनम कय रीतिया॥
पिरितिया से नाता तोडू॥
आपन खोय देहिव तू कंचन जौसे बगिया॥
पिरितिया से नाता तोडू॥
कौन कहा नहीं माने तोहरा॥
का नहीं तोहके दीन॥
भल दुर्दशा हमारी करलू॥
तेरह तिकड़म तीन॥
नहीं जगय तू पाऊ आपन भगिया॥
पिरितिया से नाता तोडू॥
जहा कहा की हिया पे मिलवे॥
कभो न अतरा कीन॥
चैन सुख सब दुर्लभ होय गा॥
अब देहिया होत विलीन॥
नहीं जोगे तू पाऊ आपन बतिया॥
पिरितिया से नाता तोडू॥
अगर गलत रास्ता पे जायी ठुमक के मारा धक्का॥
न तो हम काशी का भैले न गैले कलकत्ता॥
ताना हमका घातक होइगा॥
जाम भावा मोरा चक्का॥
तोहके नीक का लागे जब आयी तोहरी सवातिया॥
पिरितिया से नाता तोडू॥

पिरितिया से नाता तोडू॥

कैसे छोड़ दिहिव तू॥ सात जनम कय रीतिया॥
पिरितिया से नाता तोडू॥
आपन खोय देहिव तू कंचन जौसे बगिया॥
पिरितिया से नाता तोडू॥
कौन कहा नहीं माने तोहरा॥
का नहीं तोहके दीन॥
भल दुर्दशा हमारी करलू॥
तेरह तिकड़म तीन॥
नहीं जगय तू पाऊ आपन भगिया॥
पिरितिया से नाता तोडू॥
जहा कहा की हिया पे मिलवे॥
कभो न अतरा कीन॥
चैन सुख सब दुर्लभ होय गा॥
अब देहिया होत विलीन॥
नहीं जोगे तू पाऊ आपन बतिया॥
पिरितिया से नाता तोडू॥
अगर गलत रास्ता पे जायी ठुमक के मारा धक्का॥
न तो हम काशी का भैले न गैले कलकत्ता॥
ताना हमका घातक होइगा॥
जाम भावा मोरा चक्का॥
तोहके नीक का लागे जब आयी तोहरी सवातिया॥
पिरितिया से नाता तोडू॥

क्या नैहर बजी थी बसुरिया॥

लड़का: सकुचाती शर्माती ॥
कैसे गईब पलंग पे आय रे॥
क्या नैहर बजी थी बसुरिया॥
लड़की: खुदगर्जी मनमौजी॥
लागल गया बिछ्लाय रे॥
क्या और कोई है लागुरिया॥
लड़का: नैन इशारा करते तेरे ॥
बदन गवा गदराय रे॥
क्या नैहर बजी थी बसुरिया॥
बात बनाने में माहिर हो॥
बहुत kiaa उत्पात रे॥
क्या और कोई है लागुरिया॥
लड़का: तन की खुसबू ॥
हमें बतावत ॥
तुने रास रचा मधु मास रे॥
क्या नैहर बजी थी बसुरिया॥

बुधवार, 24 फ़रवरी 2010

ललचाय जाबू रानी..

लड़का:ललचाय जाबू रानी॥

जब खोलब पेटारिया॥

लड़की॥ डेराय जाबा राजा॥

रात अंधिअरिया॥

लड़का: तलवा घूमे तलैया घूमे॥

कच्ची पक्की सब का ढूढे॥

लुकाय जाबू रानी ॥

लौकत सेजरिया॥

लड़की: सर्दी झेले गर्मी झेले॥

मोट पातर सब हम ठेले॥

बिछलाय जाबा राजा॥

होत भोरहरिया॥

लड़का: अन्दर घूमे बाहर घूमे॥

गुल्ली खेले डंडा खेले॥

खिशियाय जाबू रानी ॥

बोलत कोयलिया॥

लड़की: पूरब गइली पश्चिम गइली॥

धानी चुनरिया भई न मैली॥

मुसकाय देवेया राजा ॥

देखत सुरतिया॥

अंगूर वाली चटनी खट्टी लगी

अंगूर वाली चटनी खट्टी लगी ॥ अंगूर वाली॥
उस चटनी को सासू ने चाखा ॥
उनकी बेटी से अच्छी लगी॥ अंगूर वाली...
उस चटनी को ससुर जी ने चाखा॥
उनकी बेटी जवानी पे सीढ़ी चढ़ी॥
अंगूर वाली चटनी खट्टी लगी ॥ अंगूर वाली॥
उस चटनी को साले ने चाखा॥
उनकी दीदी अभी तो कच्ची कली॥
अंगूर वाली चटनी खट्टी लगी ॥ अंगूर वाली॥
उस चटनी को सरहज ने चाखा॥
उनकी नन्द नयी है॥ नवेली नदी॥
अंगूर वाली चटनी खट्टी लगी ॥ अंगूर वाली॥
उस चटनी को साली ने चखा॥
दोनों बहिन की सीटी बजी॥
अंगूर वाली चटनी खट्टी लगी ॥ अंगूर वाली॥

देवरा बेईमान हमके नजरिया मारे॥

भौजी: देवरा बेईमान हमके नजरिया मारे॥

देवर: भौजी तोहरी चाल हमरे जिया मा साले॥

भौजी: होत भिनौखा सीटी बजावै॥

दुपहरिया मा भितरा बोलावे॥

कई देइहय बदनाम॥ हमके नजरिया मारे...

देवर: होठवा की तोहरे लाली राशीली॥

नैन पुतरिया काली पीली॥

मधुर मुग्ध मुस्कान ॥ हमरे जिया में साले॥

भौजी: संझलौका मा करय बरजोरी॥

छीना झपटी जोरा जोरी॥

देखावे मीठा पान ॥ हमके नजरिया मारे॥

देवर: मन ललचाय बिरवे बतिया॥

धक् धक् बोले भौजी कय छतिया॥

तोहके घुमईब सिवान ॥ हमरे जिया में साले ॥

मंगलवार, 23 फ़रवरी 2010

॥चकित भई गोरी॥

चकित भई गोरी॥चकित भई गोरी॥चकित भई गोरी॥

देख के दुपट्टा॥ ॥चकित भई गोरी॥

ई दुपट्टा ब्रम्हा को भावा॥

हंस के सुनावे विद्दया के लोरी॥

॥चकित भई गोरी॥

ई दुपट्टा विष्णू को प्यारा॥

लक्ष्मी ने खुद की बनायी..डोरी

॥चकित भई गोरी॥

ई दुपट्टा भोले को प्यारा॥

गौरा चकित भई शिव की गौरी॥

॥चकित भई गोरी॥

सोमवार, 22 फ़रवरी 2010

चल जोगीरा मिल के..

चल गयी गोली होली मा॥

जाके लागी दिल पे॥

चल जोगीरा मिल के ..........चल जोगीरा मिल के॥

यहो गोली का स्वाद निराला॥

मन में भावा उजियार॥

टटिया फटका तोड़ के पहुचा॥

प्रेम लता के द्वार॥

चारिव नयना मिळत शुभ भा॥

हंसी लता खिल खिल के॥

चल जोगीरा मिल के ..........चल जोगीरा मिल के॥

यह गोली कय अद्भुत लीला॥

झम झम झम झम बरषे मेघा॥

मिले चैन दिल दिल के॥

चल जोगीरा मिल के ..........चल जोगीरा मिल के॥

भौजी देवरवा दुइनव जाने॥

गावय मल्हार गावय मल्हार॥

भौजी देवरवा दुइनव जाने॥

भौजी की अंखिया चन्दा चकोरी॥

चारव नयनवा करते बलजोरी॥

रतिया संग जल मा कराय बिहार॥

भौजी देवरवा दुइनव जाने॥

भौजी हँसे देवरा जब हंसावय॥

ठुमक ने नाचय देवरा जब गावय॥

चंचल जवानी मारे फुफकार॥

भौजी देवरवा दुइनव जाने॥

भौजी कय सूरत ममता कय मूरति॥

प्यार कय गठरी दुइनव खोलत॥

रस मारय रचना रस दार ...

फागुन मा भौजी खिला करय

फागुन मा भौजी खिला करय॥ फागुन मा॥

छुप छुप हमसे मिला करय॥ फागुन मा॥

कजरा लगावय। अंचरा उडावे ॥

लाली देखावय । लिपस्टिक लगावय॥

मतवाली मदिरा पिया करय... फागुन मा॥

कमर लचाकावय । जीभ देखावय॥

बात बनावय मनवा लूभावय॥

रतिया माँ देवरा से मिला करय॥ फागुन मा॥

मन लल्चावय छुप छुप आवय॥

अपने हाथ से पान करवाय॥

धक्के पय धक्का दिया करय॥ फागुन मा॥

बबुवा हमके खिलावा खटाई॥

हमारे कुछ गीत इस लिंक पर भी है॥ http://007-avadhipoemgeet.blogspot.com/

भौजी देवरा से कहय चोचलायी॥

बबुवा हमके खिलावा खटाई॥

रही रही आवत है ओकलाई॥

पहली हिचकी रतिया में आइली ॥

जब सासू गोड़ दबाई॥

बबुवा हमके खिलावा खटाई॥

दूसरी हिचकी रोसैया में आइली॥

जब रही खाना बनायी॥

बबुवा हमके खिलावा खटाई॥

तीसरी हिचकी सेजिया पे आइली॥

जब रही आवत औघाई॥

बबुवा हमके खिलावा खटाई॥

रविवार, 21 फ़रवरी 2010

bad boy एंड स्वीट गर्ल

लड़की: bad boy नजरे लड़ाया न करो॥
बार बार देख मुस्कुराया न करो॥
लड़का: स्वीट गर्ल नज़रे धुमाया न करो॥
मुझे देख पलकें उठाया न करो॥
लड़की: सबको पता चल जाएगा॥
हंगामा मच जाएगा॥
पापा चिल्लायेगे॥
मोहल्ला जाग जाएगा॥
खिड़की से प्रेम पत्र बहाया न करो॥
bad boy नजरे लड़ाया न करो॥
बार बार देख मुस्कुराया न करो॥
लड़का: दिल नहीं लगता पढाई छूट जाती है॥
बार बार सपने में दौड़ी चली आती है॥
मुझे देख रास्ते में तू क्यों बिराती है॥
छत पे मुझको बुलाया न करो॥
स्वीट गर्ल नज़रे धुमाया न करो॥
मुझे देख पलकें उठाया न करो॥
लड़की: नाजुक कलाई में दाग लग जाएगा॥
आने वाला मौसम मुझको चिढाएगा॥
ब्यंग बात सुनना मुझे नाही भाएगा॥
अंखियो से जादू चलाया न करो॥
bad boy नजरे लड़ाया न करो॥
बार बार देख मुस्कुराया न करो॥
लड़का: दौड़ी दौड़ी आती ho mujhase batlaati ho॥
तन की खुशबू मुझको सुंघाती हो॥
यौवन के आँचल से मुझको छुपाती हो॥
मंद मुस्कान बिखराया न करो॥
स्वीट गर्ल नज़रे धुमाया न करो॥
मुझे देख पलकें उठाया न करो॥

बच के रहू भौजी ,,बच के रहू॥

बजाय देब चूड़ी ॥
चटकाय देब कंगना॥
होलिया मा भौजी॥
लगाय देब रंगना॥
रंग लगौबे कुछ तत्कोलब॥
धीरे धीरे रस कय शीशी खोलब॥
पतली कमर लचकाय देब अंगना॥
होलिया मा भौजी॥
लगाय देब रंगना॥
पड़ा खिलौबय लड्डू खिलौबय॥
आगे घुमौबय पीछे घुमौबय॥
उही झाका झोरी मा ॥
मच जाए रगडा॥
होलिया मा भौजी॥
लगाय देब रंगना॥

बच के रहू भौजी ,,बच के रहू॥

शनिवार, 20 फ़रवरी 2010

आवा हिया सरका न भौजी॥ २

सरका न हुआ ॥ सरका न हुआ॥

आवा हिया सरका न भौजी॥ २

हथवा से अपने हमके खिलावा॥

तेल लगावा कजरा लगावा॥

मनवा का हमारे हंस के हंसावा...

आवा हिया सरका न भौजी॥ २

आँख मचकावा जीभ देखावा॥

अपने सेजारिया के बात बतावा...

अबतो न हमारा जारा जिया...

आवा हिया सरका न भौजी॥ २

होलिया मा नचाउब अंगना में॥

रंग नहलाउब गगरा से॥

हंस बोलाबू फेका न बिया॥

आवा हिया सरका न भौजी॥ २

डांका न डाला बबुआ॥

डांका न डाला बबुआ॥

खोल देब टटिया॥

माल लूट लेना॥

बैठाय देब मचिया॥

डांका न डाला बबुआ॥
खोल देब टटिया॥

अन्दर लूटेया ॥

बाहर लूटेया॥

बचाय देहा बबुआ॥

बीच वाली लजिया॥

डांका न डाला बबुआ॥
खोल देब टटिया॥

गोली दगाया ॥

उधम मचाया॥

लगाय देहा बबुआ॥

जवानी में दगिया॥

डांका न डाला बबुआ॥
खोल देब टटिया॥

हाथ लगाया॥

खूब तत्कोल्या॥

उमारिया कय गठरी॥

धीरे धीरे खोलेया॥

अकुलाय जाबा बबुआ॥

सजाय देब सेजिया॥

डांका न डाला बबुआ॥
खोल देब टटिया॥

मटकी फोड़ेया ॥

दही अड़ाया..

बताय देब बबुआ॥

बचपन कय बतिया॥

डांका न डाला बबुआ॥
खोल देब टटिया॥

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2010

बाटेया बकलोल॥

बाटेया बकलोल॥

लजात बा सेजिया॥

सोवे न जाना ॥

सोवा करवाटिया॥

मन नाही भावे ॥

तोहरी सुरतिया॥

काटे दौड़े॥

कटही बोलिया॥

हमरी अव अपनी ॥

मिलवा सुरतिया॥

बाटेया बकलोल॥
लजात बा सेजिया॥
सोवे न जाना ॥
सोवा करवाटिया॥

टेठी मेथी बात बतावा॥
सखियाँ संग मोरी हसी करवा॥

लगत बा ऐसे कट जाए॥

उमरिया॥

बाटेया बकलोल॥
लजात बा सेजिया॥
सोवे न जाना ॥
सोवा करवाटिया॥

बेकार लागा रानी..

बेकार लागा रानी ...
चलत करवाटिया॥
रहिया मा तोहका मिला करी॥
दस दस दाई चुम्मा लिया करी॥
बेकार लागा रानी ...चलत करवाटिया॥
हम हिलाई तू हील जाला॥
हाथ लगाई बंद करा किवाड़ा॥
रहि रहि हंसा तो गुजर जाए॥
रतिया॥
बेकार लागा रानी ...चलत करवाटिया॥
मुह मुस्कान से ॥
पाठ पठावा॥
हमारी चीज पर॥
हक़ जमावा॥
देख के मचले ला॥
हमरी उमारिया॥
बेकार लागा रानी ...चलत करवाटिया॥

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

कुछ करबेया न धरबेया..

सवाल मत बोला॥
जबाब का देई॥
कुछ करवेया न धरवेया॥
उधार का लेई॥
कुछ करबेया न धरवेया॥
मन तत्कोल्बेया॥
हंस हंस बोल्बेया...
हमार का होई॥
कुछ करबेया न धरवेया॥
मन ललचाये ...
रहा न जाए॥
हिसाब कब होए॥
कुछ करबेया न धरवेया॥
अंखिया फडके॥
निंदिया भड़के॥
बतावा कहा सोयी॥
कुछ करबेया न धरवेया॥

बुधवार, 17 फ़रवरी 2010

रंग बिरंगी होली मा..

न मिलबय कलकत्ता काशी॥

न तो मिलबय खोली मा॥

आय के तोहरे रंग लगाऊब॥

रंग बिरंगी होली मा॥

जब गोरे गाल पे लगे अबीरिया॥

होय जाबु कचनार॥

अंखिया चकर मकर न देखे॥

झरे लागे उपहार॥

हंसी तोहाय छुपा के रखबय॥

मन मंदिर की झोली मा।

न मिलबय कलकत्ता काशी॥
न तो मिलबय खोली मा॥
आय के तोहरे रंग लगाऊब॥
रंग बिरंगी होली मा॥

देख के लीला मोहित होबू॥

भगबू आगे पीछे॥

पाय इशारा अंचरा खिचब॥

मनवा मन कुछ सीखे॥

पता चले पल गुजर जाये कब॥

हंसी मज़ाक ठिठोली मा॥

न मिलबय कलकत्ता काशी॥
न तो मिलबय खोली मा॥
आय के तोहरे रंग लगाऊब॥
रंग बिरंगी होली मा॥

फगुनवा में होली कैसे खेली॥

बयारिया रे सजना से बोल॥
फगुनवा में होली कैसे खेली॥
हथवा से रगंवा उड़ उड़ जाला॥
सेजरिया पे अकेले कैसे सोउब॥
नजरिया अहमारी झुक झुक जाए॥
देवरवा संग जब नजरिया फेरब॥
होठवा से हंसी तब ताना मरिहै॥
देवरवा संग जब झुलानिया हेरब॥
अंगवा के महक सब सूख जाए॥
देवरवा संग जब गठरिया खोलब॥

रविवार, 14 फ़रवरी 2010

होलिया में अबकी होए बवाल..

अबकी होलिया मा हील जाए छपरा॥

जब आय भौजी लगाउब तोहरे कचड़ा॥

तलवा तलैया से कनई लई आउब॥

गैया के गोबरा में ओहके मिलाउब॥

उपरा से डालब भीग जाए घांघरा॥

अबकी होलिया मा हील जाए छपरा॥
जब आय भौजी लगाउब तोहरे कचड़ा॥

आउब न aकेले रईहय हमजोली॥

दस दस खाए रईहय भांग के गोली॥

धय के दबोच देब होय चाही लफडा॥

अबकी होलिया मा हील जाए छपरा॥
जब आय भौजी लगाउब तोहरे कचड़ा॥

सखियाँ सहेली का सब के बोलाऊ॥

टीप टाप कय के बदन महकाऊ॥

भले से बवाल होए भले होए लफडा॥

जब आय तोहरा उठाउब अचरा॥

बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

लड़का:

उतार देब घाँघरा॥

मारा न पिचकारी॥

लड़की:

करवाय देब भांगड़ा॥

हयी न अनाड़ी॥

लड़का:

रंग लगावा नइखे॥

चहता बहावा॥

मटिया धूर से ॥

हमें न नहलावा॥

देखे देब आगरा॥

मारा न पिचकारी॥

लड़की:

पास हमारे आवा ॥

रंग लगवावा॥

हथवा से अपने ॥

हमें नहलावा॥

करवाय देब लंगडा॥

हयी न अनाड़ी॥

लड़का:

अतना गुरुर नइखे ॥

करा बारी धनिया॥

बवाल होई जायी॥

उठाय लेब कनिया॥

भेजवाय देब कांगड़ा॥

मारा न पिचकारी...

होली आईल होली आईल॥

होली आईल होली आईल॥

हुड्दंगो की टोली आईल॥

माथ गुलाल हाथ पिचकारी॥

घर पकडंदी डाली डाली॥

फटा बस्तर है रूप अनोखा॥

कोई पंडित कोई पोंगा॥

रंग बसंती है पुरवाई॥

होली आईल होली आईल॥

कोई नशा किये दारू का॥

कोई पिए है भांग॥

कोई गांजा मा टुल्ली है॥

कोई पिए है झांग॥

समझ न आता कौन है भैया॥

कौन है मेरा यार॥

पकड़ो पकड़ो इनको पकड़ो॥

रंग जल्दी से दाल॥

बूढी अम्मा भी पगलाई॥

होली आईल होली आईल॥

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010

होलिया मा भौजी हिला करे॥

होलिया मा भौजी हिला करे॥
होलिया में॥
दस दस दाई कपड़ा गीला करे॥
होलिया में॥
लाली लगावे लिपस्टिक लगावे॥
लहरे देवरवा का घरवा बोलावे॥
फातहा ब्लाउज सिला करे॥
होलिया मा भौजी हिला करे॥
होलिया में॥
लाची लवागी के बीरा लगावे॥
हथवा से अपने हमखे खिलावे॥
पान वाली पीच का लीला करे॥
होलिया मा भौजी हिला करे॥
होलिया में॥
सोनवा के थाली मा जेवना बनाएव॥
मंगरू घेर्रू का हंस के खिलावे॥
धीरे धीरे चोलिया ढीला करे॥
होलिया मा भौजी हिला करे॥
होलिया में॥

शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010

जब प्रेम गीत गाये॥

मुझको सुकून आया ॥
जब आप मुस्कुराए॥
महफ़िल मेरी सजी थी॥
जब प्रेम गीत गाये॥
चन्दा भी हंस दिया था॥
सूरज बजाया ताली॥
बादल बरस पडा था॥
हरियर हुयी थी क्यारी॥
मन को मिली तसल्ली ॥
जब मेरे समीप आये॥
खिल गयी थी कलियाँ॥
खुशबू बहार लायी॥
कोयल की मीठी बोली ॥
बागो में दी सुनायी॥
आँचल मेरा उड़ा था॥
जब रोते मुझे हंसाये...
मेरा पायल बज गया था॥
तुम घायल थोड़ा हुए थे॥
मैंने तुम्हे मनाया॥
नादानी हम किये थे॥
फिरने लगी उमंगें॥
जब तुम मुझे सजाये...