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मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

होलिया म

अबकी होलिया म लहगा उठाय देब ..
रंगवा लगाय देब चोली में।।
लड़की:- अबकी होलिया म ठेहुन देखआय  देब।।
सखियन संग खेलब होली टोली में।।

लड़का:- जब तू औबू नदिया किनारे।
सुबह शाम हमरे पिछवारे।।
पकड़ के खीच लेब खोली में।।
रंगवा लगाय देब चोली में।।

लड़की:- नदिया किनारे हम न जैबय ..
तोहरे पिछवरवा हम न अऎबय ..
घुसेर लेब तोहके झोली में।।
सखियन संग खेलब होली टोली में।।

भर द गोदिया हमार गंगा माई।।


भर द गोदिया हमार गंगा माई।।
दुबारा हम आईब।।
अपने ललनवा का हिया मुंडन करआईब ..
5 साल होय गईले ..
भाईले हमरी शादी।।
सूनी बाटे गोदिया ..
नइखे सूरती सुहाती।।
विंध्यांचल मंदिर माँ।।
ललना घुमईब ,,
भर द गोदिया हमार गंगा माई।।
सास बोली बोलय ,,
जेठान दियय ताना ।।
कब तक भरी मैया ..
हम हर्जाना।।
ललनवा के संग आय ..
चुनरी चधईबय ..
कौनव बोले बाँझ तो।।
जल जाला खुनवा ..
जियरा उदास बा ..
समझावै के मनवा।।
आय के मंदिर म ..
घंटा चधैबय।।
भर द गोदिया हमार गंगा माई।।

मास्टर खराब बा कैसे बतायी।।


हमना जाबय स्कूल मोरे मायी ,,
मास्टर खराब बा कैसे बतायी।।
अकेले म बोले कहय चूसा दवाई।।
हमरे गलवा पय हाथ लगावय ..
बलवा पकड़ के लागय हिलावय।।
हमका न नीक लागय ओह्के ठिठाई।।
मास्टर खराब बा कैसे बतायी।।
पकड़ के कलाईया बहुत झाक्झोरय।।
चुनरी उठाय के लागय टटोले।।
कहय चला खाय लिया पडा मिठाई।।
मास्टर खराब बा कैसे बतायी।।
नान्हे नान्हे नेबुवा पे हाथ लगावे।।
सोवत जवानिया हमरी जगावे।।
बार बार जियरा का अपने मनाई।।
मास्टर खराब बा कैसे बतायी।।

छक्का छोडाय देब

पाय के मौक़ा हम छक्का छोडाय देब।।
100 की स्पीड मा तोहका दौडाय देब।।
तोहरे बखरिया म चहटा लगाय देब।।

लड़की:- पकड़वाय के तोहका मुर्गा बनवाय देब।।
तोहरी जवानिया मा बट्टा लगाय देब।।

अपने सुरतिया पे तोहके गुमान बा।
चढ़ती जवानिया पे तोहे अभिमान बा ..
पाय के अकेले म हार्न दबाय देब।।

लड़की:- अपने घरवा पे पहरा लग्वाइब ,,
थाने मा जाय रपटिया लीखईब ..
चले न जोर एकव् फड़का गिराय देब।।

सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

मटक मटक


लडका:- चल मटक मटक गोड़ पटक पटक।।
गीला बा रास्ता जायी सटक सटक ..
कुछ जतन कर बबुनी लचक लचक ..

लडकी:- खा ले हमका तू गटक गटक।।
मै बड़ी रसीली जाऊ अटक अटक ..
अभी न खोले बंद बटन।।

लड़का:- तू बर्फी मै रसगुल्ला।।
मार गोरी अब दूध का कुल्ला ..
जल्दी जल्दी खा ले बबुनी।।
ज्यादा मत चतर पटर।।

लडकी:- मै दो धारी हूँ तिरछी छूरी,,
पैदा करती हूँ मज़बूरी।।
मेरे चक्कर में मत पड बबुआ ..
नहीं जाएगा फिसल फिसल।।। 

रविवार, 24 फ़रवरी 2013

झम झम बाजे सखी मोरी पायल।।

चलावय गुलेल करय जिया घायल।।
झम झम बाजे सखी मोरी पायल।।
पहली बार इ बगिया म बाजी।।
छूटी मोरे हिया के उदासी।
मुहवा म मिस्री लागल घुलायल।।
झम झम बाजे सखी मोरी पायल।। 
हमरे प्यालिया म मोती जड़ी है।।
हमरी जवानिया रस से भरी है।।
बन जातें बन जातें हमरे लायक ..
झम झम बाजे सखी मोरी पायल।।
हमरे पयालिया की शोभा निराली।।
खिलती कलियाँ गमकत क्यारी।।