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रविवार, 24 फ़रवरी 2013

झम झम बाजे सखी मोरी पायल।।

चलावय गुलेल करय जिया घायल।।
झम झम बाजे सखी मोरी पायल।।
पहली बार इ बगिया म बाजी।।
छूटी मोरे हिया के उदासी।
मुहवा म मिस्री लागल घुलायल।।
झम झम बाजे सखी मोरी पायल।। 
हमरे प्यालिया म मोती जड़ी है।।
हमरी जवानिया रस से भरी है।।
बन जातें बन जातें हमरे लायक ..
झम झम बाजे सखी मोरी पायल।।
हमरे पयालिया की शोभा निराली।।
खिलती कलियाँ गमकत क्यारी।।

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