मोहे लागि चन्दन होयगा बियाह ॥
लेत अहा जिनगी कय बहुतय अथाह ॥
कुवारा मरि जातेया अहा भाय लंगड़ा ॥
रहय का ठौर न होय गया कंगला ॥
कुवारा मरि जातेया अहा भाय लंगड़ा ॥
दूसरे के बिटिया का तू गरियावा ॥
आन के मेहरी का जाय के पटवा ॥
नीक सूक नाही न मुह बा बनरा ॥
कुवारा मरि जातेया अहा भाय लंगड़ा ॥
आशिक बन के बहुतय घुमेया ॥
मधुशाला म पी के झुमेया ॥
देखाय देहा सब का नाच के भांगड़ा ॥
कुवारा मरि जातेया अहा भाय लंगड़ा ॥
लेत अहा जिनगी कय बहुतय अथाह ॥
कुवारा मरि जातेया अहा भाय लंगड़ा ॥
रहय का ठौर न होय गया कंगला ॥
कुवारा मरि जातेया अहा भाय लंगड़ा ॥
दूसरे के बिटिया का तू गरियावा ॥
आन के मेहरी का जाय के पटवा ॥
नीक सूक नाही न मुह बा बनरा ॥
कुवारा मरि जातेया अहा भाय लंगड़ा ॥
आशिक बन के बहुतय घुमेया ॥
मधुशाला म पी के झुमेया ॥
देखाय देहा सब का नाच के भांगड़ा ॥
कुवारा मरि जातेया अहा भाय लंगड़ा ॥
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