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शुक्रवार, 25 सितंबर 2015

गली म हमरी दाल ॥

देख लीन  हम कोशिस कय के ॥
गली म हमरी दाल ॥
भय बदनामी गली गली म ॥
खाय गये हम मार ॥
जाय बताइस अपने घर म ॥
दौड़ी आय महतारी ॥
हमरै चप्पल हमरे खोपड़ी पय ॥
गिन के बीसन मारिस ॥
बाप सुनिस जब ई कर दसना ॥
घेरिस हमका काल ॥
भय बदनामी गली गली म ॥
खाय गये हम मार ॥
माई पड़ी बिहोश अबय ॥
केहू नहीं गोसइया ॥
जान के गलती हमसी होय गय ॥
का करी अब दइया ॥
भादौ नदी जाय के कूदी ॥
कैसे लायी भूचाल ॥
भय बदनामी गली गली म ॥
खाय गये हम मार ॥

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