पृष्ठ

शुक्रवार, 11 दिसंबर 2009

सजनवा re,,

केहसे आँख लडौलू (लईका)

जो लौंग तुम्हारी गायब बाटे॥

देहिया बदनिया से लौकल॥

अवगुण तोहरे आयल बाटे॥

तोहसे नैन लड़ौली ॥ (लइकी)

जो अवगुण हमपे आइल बाटे॥

नकिया कय लौंग हमरी॥

रतिया से गायब बाटे॥

दिहिया से सूझत बाटे ॥लईका..

चढली जवानी॥

मनवा ई जूझत बाटे॥

करली मनमानी॥

अंखिया कय काजल ॥

हमारे देहिया मा लागल बाटे॥

हमतो गुलाम तोहरी ॥ लइकी,,

मन देखे सपना॥

दिनवा मा तारे गिनू॥

बना मोरे सजना॥

तोहरी सुरतिया कय॥

जिया मोर कायल बाटे॥

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें