मुझे अजमाने की कोशिश न कर॥
मै खिलता हुआ एक फूल हूँ॥
दो मालिक मेरी सेवा करते॥
मै उनकी आँखों का नूर हूँ॥
तुम तो पराई पाप करोगी॥
मुझसे मांगोगी दाम फिर॥
पथ भटकना नहीं चाहता॥
मै तेरे छल बहुत दूर हूँ॥
कुछ काम करना है नाम जग में॥
माँ बाप की अभिलाषा हूँ मै॥
चाहूगा अगर मै अभी तुम्हे॥
पर दिल तुम मगरूर हूँ॥
मै पथिक बड़ा मजबूत हूँ..
बुधवार, 20 जनवरी 2010
शुक्रवार, 15 जनवरी 2010
हे राम कली हे श्याम कली॥
अन्तर -पंटर न देखावा॥
न तो धूमा गली गली॥
हे राम कली हे श्याम कली॥
आधा पैंट जब पहन के घूमा॥
चुवे लागे लार॥
आंधी बंडी मा जब चलबू॥
होय जाए कहू बवाल॥
सागरी जनता आँख गडाए॥
तोहके देखे खड़ी कड़ी॥
हे राम कली हे श्याम कली॥
गोरे गाल के ऊपर चश्मा॥
देख के लरिके मचले॥
कमर लचाका खाय जब तोहरी॥
पदरौके अव उछले॥
देशी महेरिया बन रहतू॥
नहीं गंधाबू तू पड़ी पड़ी ॥
हे राम कली हे श्याम कली॥
न तो धूमा गली गली॥
हे राम कली हे श्याम कली॥
आधा पैंट जब पहन के घूमा॥
चुवे लागे लार॥
आंधी बंडी मा जब चलबू॥
होय जाए कहू बवाल॥
सागरी जनता आँख गडाए॥
तोहके देखे खड़ी कड़ी॥
हे राम कली हे श्याम कली॥
गोरे गाल के ऊपर चश्मा॥
देख के लरिके मचले॥
कमर लचाका खाय जब तोहरी॥
पदरौके अव उछले॥
देशी महेरिया बन रहतू॥
नहीं गंधाबू तू पड़ी पड़ी ॥
हे राम कली हे श्याम कली॥
सोमवार, 11 जनवरी 2010
जब से हमारे चढ़ी जवानी॥
जब से हमारे चढ़ी जवानी॥
पायल बाजे कड़ी कड़ी॥
नैना मचले यौवन उछले॥
चर्चा होय गय गली गली॥
जब मै चलती भीड़ भाड़ म॥
हंसे सहेली खडी खडी॥
कौनव बोले का सूरत बा॥
कैसे रब ने बनायी॥
फूलवा जैसे देहिया चमके॥
रूठी कलियाँ मुस्काई॥
जयेष्ट मा जैसे सावन बरसे॥
लगे बदरा कय झड़ी झड़ी॥
कोयल देख के गीत सुनावे॥
मन मा नाचे मोर॥
पवन बयारिया हँसे के डोले॥
लागल बजती ढोल॥
भर गीली बिंदास जवानी॥
हंसे उमारिया चढ़ी चढ़ी ॥
गुरुवार, 7 जनवरी 2010
आगे क्या होगा दईया॥
बरसात में ऐसी आस लगी॥
कैसी बंजर प्यारी भुइया है॥
गागर फूटी सागर सूखा॥
रोती बेचारी ये कुइया है,,,
रूठ गए है मौसम तारे॥
ऋतू भी मुह को मोड़ लिया॥
कलियाँ सूखी भौरे व्याकुल है॥
क्यों हंस के उनसे दूर किया॥
मन की पीर सही नहीं जाती॥
आगे क्या होगा दईया॥
कैसी बंजर प्यारी भुइया है॥
गागर फूटी सागर सूखा॥
रोती बेचारी ये कुइया है,,,
रूठ गए है मौसम तारे॥
ऋतू भी मुह को मोड़ लिया॥
कलियाँ सूखी भौरे व्याकुल है॥
क्यों हंस के उनसे दूर किया॥
मन की पीर सही नहीं जाती॥
आगे क्या होगा दईया॥
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