जब से हमारे चढ़ी जवानी॥
पायल बाजे कड़ी कड़ी॥
नैना मचले यौवन उछले॥
चर्चा होय गय गली गली॥
जब मै चलती भीड़ भाड़ म॥
हंसे सहेली खडी खडी॥
कौनव बोले का सूरत बा॥
कैसे रब ने बनायी॥
फूलवा जैसे देहिया चमके॥
रूठी कलियाँ मुस्काई॥
जयेष्ट मा जैसे सावन बरसे॥
लगे बदरा कय झड़ी झड़ी॥
कोयल देख के गीत सुनावे॥
मन मा नाचे मोर॥
पवन बयारिया हँसे के डोले॥
लागल बजती ढोल॥
भर गीली बिंदास जवानी॥
हंसे उमारिया चढ़ी चढ़ी ॥
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