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बुधवार, 20 जनवरी 2010

मै पथिक बड़ा मजबूत हूँ..

मुझे अजमाने की कोशिश न कर॥
मै खिलता हुआ एक फूल हूँ॥
दो मालिक मेरी सेवा करते॥
मै उनकी आँखों का नूर हूँ॥
तुम तो पराई पाप करोगी॥
मुझसे मांगोगी दाम फिर॥
पथ भटकना नहीं चाहता॥
मै तेरे छल बहुत दूर हूँ॥
कुछ काम करना है नाम जग में॥
माँ बाप की अभिलाषा हूँ मै॥
चाहूगा अगर मै अभी तुम्हे॥
पर दिल तुम मगरूर हूँ॥
मै पथिक बड़ा मजबूत हूँ..

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