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बुधवार, 5 जून 2013

हमार कहा माना घघरिया उठाय द//
जवानिया कय जादू हमपे चलाय द//
लगाय द गेर साठ पैसठ म जाय द///
सूख गयी बगिया कय हरियर क्यारी//
एहका सीचा भरी भरी पानी//
आय के सेजरिया पे छक्का छुडाय द//
लगाय द गेर साठ पैसठ म जाय द///
भड़कत अगिया आय के बुझावा //
बर्दास्त नहीं हॉट बा न tadpaawaa //
आपन मर्दानगी आय के देखाय द//
लगाय द गेर साठ पैसठ म जाय द///

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