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शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010

जब प्रेम गीत गाये॥

मुझको सुकून आया ॥
जब आप मुस्कुराए॥
महफ़िल मेरी सजी थी॥
जब प्रेम गीत गाये॥
चन्दा भी हंस दिया था॥
सूरज बजाया ताली॥
बादल बरस पडा था॥
हरियर हुयी थी क्यारी॥
मन को मिली तसल्ली ॥
जब मेरे समीप आये॥
खिल गयी थी कलियाँ॥
खुशबू बहार लायी॥
कोयल की मीठी बोली ॥
बागो में दी सुनायी॥
आँचल मेरा उड़ा था॥
जब रोते मुझे हंसाये...
मेरा पायल बज गया था॥
तुम घायल थोड़ा हुए थे॥
मैंने तुम्हे मनाया॥
नादानी हम किये थे॥
फिरने लगी उमंगें॥
जब तुम मुझे सजाये...

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