चढ़त जवानिया डांका पडिगा॥
लय गा माल खंगाल रे॥
तरखाना मा घुस के हेरिस॥
कूद गवा डर्वार रे॥
खुला किवाड़ा पाय के॥
अन्दर आवा चोर॥
उधम मचाइश घर के अन्दर॥
और मचाइश शोर॥
आगे कय सब हड़प लहे बा॥
झपटा बा पिछवारे रे॥
चढ़ी अतारिया गोहार लगाई॥
हाहाकार मचायी॥
पूरी कोशी कय के अपुना॥
का धिन्गरण से बचायी॥
एक कंचोदा रहन हरामी॥
झाँक लिहिस नाबदान रे॥