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रविवार, 12 फ़रवरी 2012

रिश्ता है..

sअपनों में मेरे आने लगा॥

ये कुदरत का करिश्मा है॥

वक्त गीत गाने लगा...

वाब ऐसा फरिस्ता है...

बाते जब करता है॥

हंस के खिलखिलाती हूँ॥

मौज में मस्त हो के ...

गले को लगाती हूँ...

बड़ा आलिशान मेरे॥

यार का गुलिश्ता है...

रूप के वे राजा है॥

नीक है सहूर के॥

बचा के मुझको रखते है॥

जादू टोना धुप से॥

सातो जनक का शायद॥

मेरा उनका रिश्ता है...

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