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शुक्रवार, 22 मार्च 2013


लड़की:- सेजरिया पय आय के पर्दा उठाउब।।
बताउब हे राजा तोहके बताउब।।

लड़का:- फुलवरिया से लाय के फुलवा लगाउब।।
बताइब हे गोरी तोहके बताइब।।

लड़की:- देख के सुरतिया मन लाल्चावा।
बड़ी खूब सूरत हमका बनावा।।
हथवा पसार के तोहका बोलाउब।।

लड़की:- सेजरिया पय आय के पर्दा उठाउब।।
बताउब हे राजा तोहके बताउब।।

लड़का:- बड़ी धमधूसर तोहरी उमरिया।।
मेलवा म तोहसे लड़ी जब नजरिया।।
हथवा से गलवा तोहार सोह्राउब।।
बताइब हे गोरी तोहके बताइब।।

लड़की:- सोलह साल की भयी जवानी।।
कभो न मच्लिस आँख।।
मौक़ा मिले पय जोर अज्माउब।।
बताइब हे गोरी तोहके बताइब।।



भानू से हंस कर पूछ लिया ..
भास्ककर क्यों कहलाते हो?
सुबह सुबह क्यों उगते हो?
किरणे क्यों फैलाते हो?
रात में भी अपनी किरणे तो फैलाओ।।
लोगो का सोना दूभर हो।।
सारी रात जगाओ।।
सूर्य देव हंस कर तब बोले।।
प्राक्रित ने नियम बनाया।।है।।
दिन दिया है मुझको।।
रात चन्दा को बनाया है।।
जाके चन्दा से प्रश्न किया।।
चन्दा हंस कर तब बोला।।
मेरे मन के ज्ञान दीप का।।
बंद किवाड़ा खोला।।
सब सीमा में बढे हुए।।
बालक क्यों झुठलाते हो।।

गुरुवार, 21 मार्च 2013

सराररा

रंग डाले दुपट्टा सराररा //
होलिया म बोलय भरा बुरा।।
मारय पिचकारी चोलिया पय //
अकेले मा बोलवय कोलिया में।।
पकड़ के मस्लय तरा तरा।।
होलिया म बोलय भरा बुरा।।
रहिया म हमरा पकडे अचरा।
कहय बड़ा नीक बा अखिया कय कजरा //
करय इशारा खडा खड़ा।।
होलिया म बोलय भरा बुरा।।
रगड़ रगड़ के लगावे अबीरिया।
कही की छोड़ दिया दीदी कय किरिया।।
रंगवा लगावे अरा ररा ..
होलिया म बोलय भरा बुरा।।

सोमवार, 11 मार्च 2013

हमका बोलावा हिया हुवा ..

समझ गयी हूँ मतलबी जिया।।
हमका बोलावा हिया हुवा ..
रोज रोज हमके बर्फी खियावा।।
हमरे गलवा पय हाथ लगावा।।
टोय के देखा हमरा बिया।।
समझ गयी हूँ मतलबी जिया।।
हमका बोलावा हिया हुवा ..
चोली लावा कंगना लावा।।
अपने हाथ से हमका पहनावा।।
होठवा कय़ चुम्मा लिया।।
समझ गयी हूँ मतलबी जिया।।
हमका बोलावा हिया हुवा ..
सज धज के जब घर से निकली।।
हमरी चोरी गयी फिर पकड़ी।।
दिलवा से हमरे घाटा किया।।
समझ गयी हूँ मतलबी जिया।।
हमका बोलावा हिया हुवा ..
अंखिया बिरह में हो गयी गीली।।
तन कय चमड़ी पड़ गयी पिली।
अबतो दुलहनिया बनाय लिया।।
समझ गयी हूँ मतलबी जिया।।
हमका बोलावा हिया हुवा ..

बजाय दियाडमरू हे भोले बाबा।।

 बजाय दियाडमरू हे भोले बाबा।।

हर हर महादेव जग के विधाता।।
चढाउब आय कावर बा पक्का इरादा।।
बजाय दिया डमरू हे भोले बाबा।।
जाय के गंगा म डुबकी लगाउब।।
हर हर गंगा सब से कहाउब।।
चढाय के जल तब झुकाउब माथा ..
बजाय दिया डमरू हे भोले बाबा।।
हिलत डुलत सब चले कावारिया।।
मंद मंद जब चले ब्यारिया।।
सब देब मन मंदिर में आ जा।।
बजाय दिया डमरू हे भोले बाबा।।
लाल कावर कावारिया सोहे।।
काँव काँव कागा भी बोले।।
नाचत गावत बजावत बाजा।।
बजाय दिया डमरू हे भोले बाबा।।

मंगलवार, 5 मार्च 2013

घंघरा उठाय के ..

लौडा पटाउब नजरिया चलाय के।।
हजार गाँव ..हजार गाँव लील लेब ..
घंघरा उठाय के ..
हजार गाँव लील लेब ..
बाली उमारिया म सीख गईली जादू।।
चढ़ती जवानिया भाईले बेकाबू।।
सबका फसाय लेब कजारवा लगाय के।।
हजार गाँव लील लेब ..घंघरा उठाय के .
हमरे सुरतिया पय बहुतय दीवाना।
देख के हमका गावय तराना।।
हंसी बिखराय देब घुघटा उठाय के।।
हजार गाँव लील लेब ..घंघरा उठाय के ..


सोमवार, 4 मार्च 2013

साजन को मची है खलभली।।

बाबुल की लड़ी ससुराल चली।।
साजन को मची है खलभली।।
नैना बिछ्लाये मन मुस्काये।।
मिलन वाली घडिया जल्दी आये।
मइके से डोली चल पड़ी।।
साजन को मची है खलभली।।
जिया मसोसे अपने को कोसे।।
बार बार हाथो को रोके ..
प्रिया मिलन की भूख लगी।।
साजन को मची है खलभली।।

शनिवार, 2 मार्च 2013

गंगा जी के घाट चला।।


हमरे हिया कय परम्परा ई ..
गंगा म स्नान करा ..चला हे बहुवा जल्दी चला।।
गंगा जी के घाट चला।।
बंधी गठरिया खुल जायेगी।।
धुल जाएगा पाप।।
मन म कौनव ग्लानि रहे न ..
फटके न संताप।।
वेद पुराण रामायण गीता।।
सुबह शाम तू रोज पढ़ा।।
.चला हे बहुवा जल्दी चला।।
गंगा जी के घाट चला।।
मनो कामना पूरी होये।।
बन जायेगा काम ..
राजी खुशी से काम चलेगा।
घूमा चारो धाम।।
होत भिनौखा मंदिर जाके।।
शिव शंकर पर ध्यान धरा।
.चला हे बहुवा जल्दी चला।।
गंगा जी के घाट चला।।

हाथ लगावा चोलिया पे।।


झर झर झरय जवानी।।
हाथ लगावा चोलिया पे।।
या तो लय के भाग चला।।
य उधम मचावा खटिया पे।।
16 साल की हमरी उमारिया।।
लदी सजी बा बगिया।।
हुस्न क हमरे बहुत दिवा ना।।
बहुत पड़े है रसिया।।
आँख लड़ावा चौराहे पय ..
मजा करा अब रतिया में।।
फूलो की सेजिया बीछऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै ..
मन की बात बताऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन के महला दुमहला।।
आँगन में खड़ी बातियाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन के नौकर चाकर।।
सब पे धाक जमाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन के बाग़ बगीचा ..
चुन चुन फल को खाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन के गाडी मोटर।।
दिल्ली से गोवा घुमाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन की सुरती निराली।।
पलंग चढ़ी इतराऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन है सुन्दर मुन्दर।
अचरा से उनको छुपाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .+
भरी जवानी लचके गागर
बहुत जने  ललचाय ..
जौनि गली से हम निकरी ..
जब बड़े बड़े बिछ्लाय ..
करवर माल खाय के देखा।।
बहलावा न बतिया से।।
फूलो की सेजिया बीछऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै ..
मन की बात बताऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन के महला दुमहला।।
आँगन में खड़ी बातियाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन के नौकर चाकर।।
सब पे धाक जमाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन के बाग़ बगीचा ..
चुन चुन फल को खाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन के गाडी मोटर।।
दिल्ली से गोवा घुमाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन की सुरती निराली।।
पलंग चढ़ी इतराऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन है सुन्दर मुन्दर।
अचरा से उनको छुपाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .+

सजन के घर अबतो जाऊगी मै ..


फूलो की सेजिया बीछऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै ..
मन की बात बताऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन के महला दुमहला।।
आँगन में खड़ी बातियाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन के नौकर चाकर।।
सब पे धाक जमाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन के बाग़ बगीचा ..
चुन चुन फल को खाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन के गाडी मोटर।।
दिल्ली से गोवा घुमाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन की सुरती निराली।।
पलंग चढ़ी इतराऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .
हमरे सजन है सुन्दर मुन्दर।
अचरा से उनको छुपाऊगी मै।।
सजन के घर अबतो जाऊगी मै .+