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शनिवार, 2 मार्च 2013

गंगा जी के घाट चला।।


हमरे हिया कय परम्परा ई ..
गंगा म स्नान करा ..चला हे बहुवा जल्दी चला।।
गंगा जी के घाट चला।।
बंधी गठरिया खुल जायेगी।।
धुल जाएगा पाप।।
मन म कौनव ग्लानि रहे न ..
फटके न संताप।।
वेद पुराण रामायण गीता।।
सुबह शाम तू रोज पढ़ा।।
.चला हे बहुवा जल्दी चला।।
गंगा जी के घाट चला।।
मनो कामना पूरी होये।।
बन जायेगा काम ..
राजी खुशी से काम चलेगा।
घूमा चारो धाम।।
होत भिनौखा मंदिर जाके।।
शिव शंकर पर ध्यान धरा।
.चला हे बहुवा जल्दी चला।।
गंगा जी के घाट चला।।

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