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गुरुवार, 20 मई 2010

मुरहा बेटवा..

मुरहा बेटवा पैदा होतय॥

बाप कय दहिनी टूटी टांग॥

घर कय काम अमंगल होय गा॥

महतारी कय फूटी आँख॥

ऐसा असगुन भुइया परते॥

घर कय कुइया गयी सुखाय॥

गाभिन भैंस मरी सरिया मा॥

एकव तिकनम नहीं सुझाय॥

घर मा सब का सांप सूंघ गा॥

क्रोध कय कैसी जल गय आग॥

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