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शुक्रवार, 21 मई 2010

चलो चलते आराम करे..



हम भी दीवाने तू भी दीवानी॥


चल मतवाली चाल चले॥


मौज करेगे मस्ती करेगे॥


वापस आयेगे शाम ढले॥


खुशिया होगी मौसम होगा॥


कलरव नदिया प्रभात करे॥


हम भी दीवाने तू भी दीवानी॥
चल मतवाली चाल चले॥
मौज करेगे मस्ती करेगे॥
वापस आयेगे शाम ढले॥


बंगला होगा गाडी होगी॥


चले पवन तो आह भरे॥


हम भी दीवाने तू भी दीवानी॥
चल मतवाली चाल चले॥
मौज करेगे मस्ती करेगे॥
वापस आयेगे शाम ढले॥


सपना सजाये गे अपना बनाए गे॥


सुआ बैठ पुराण पढ़े॥


हम भी दीवाने तू भी दीवानी॥
चल मतवाली चाल चले॥
मौज करेगे मस्ती करेगे॥
वापस आयेगे शाम ढले॥

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