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शुक्रवार, 21 मई 2010

सहना तो पडेगा..

सहना तो पडेगा ..जब साजन तुम्हे बनाऊगी॥

अपने दर्द को भूल कर हर पल तुम्हे हसाऊ गी॥

अर्पण किया है तन को ये क्यारी हुयी तुम्हारी॥

छुपा के रखू दिल में खोली नहीं पिटारी॥

चहके तुम्हारी बतिया हाथो से उसे सजाऊगी॥

नाचेगी मेरी बिंदिया गाएगी मेर निंदिया॥

चरणों की धुल साजन मांग में सजाऊगी॥

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