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मंगलवार, 20 अक्तूबर 2009

तू नज़र आती है..

करवट बदल -बदल के॥
राते बिताते है॥
तेरा ही नाम लेके ॥
ख्वाबो में गाते है॥
आ जा आ जा आ जा॥
हम तुम्हे बुलाते है॥
रचती जब तू मेहदी॥
मेरा ही नाम लिखती॥
देखू जब मईदर्पण ॥
तेरी ही सूरत दिखाती॥
तेरी ही बात हम ॥
यारो को बातें है॥
आ जा आ जा आ जा॥
हम तुम्हे बुलाते है॥
लगाता हूँ जब मै तकिया॥
याद आती है तेरी बतिया॥
तू हंस हंस के मुझे पुकारे॥
मै आता नदिया किनारे॥
पानी में जब देखू ॥
तेरी सूरत नज़र आती है॥

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