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शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2009

पूर्वी बयार..

पूर्वांचल से बहय बयारिया॥

खुशबू आवय गम गम॥

सोन चिरैया थिरक के नाचे॥

पायल बाजे झम झम ॥

यह धरती पर जनम लेहेन॥

राम भारत भुआला॥

यह माटी माटी माँ खेलेन खुदे॥

हरी गोविन्द नंदलाला॥

गंगा जी के अमृत पानी से॥

मिलता संगम हर-हर ॥

पूर्वांचल से बहय बयारिया॥
खुशबू आवय गम गम॥

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