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बुधवार, 4 अगस्त 2010

भौजी मारे माठा॥

भैया हमरे भैस चरावै॥

भौजी मारे माठा॥

जब भौजी पे धाक जमावे॥

भौजी मारे चाटा॥

लेडाहता सारी रात घूमे ॥

एक साल कय लरिका बाटे॥

भूख से बेहाल॥

भौजी अपने मा मस्त बाटी॥

बेटवा का नहीं है ख्याल॥

रात अंधेरिया मस्का मारे॥

पकडे खड़ी ओसार॥

अकड़त दारू के ठेका से आवय॥

मस्ताना के मस्ती मा झूमे॥

लेडाहता सारी रात घूमे ॥

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