जब जब आवय याद हे जनिया॥
जवानिया के दुई बूँद खून घट जाला॥
नाहक नेहिया लगौले हम तोहसे॥
लागत बा करबू तू गड़बड़ घोटाला॥
अंखिया मा चमके ला तोहरी सुरतिया॥
मनवा के भावे ला प्यार वाली बतिया॥
आंधेरवा भा गायब आइल उजाला॥
जवानिया के दुई बूँद खून घट जाला॥
माई अब पूछले का भात भाईले॥
तोहरी चमकिया कहा उड़ गैले॥
कैसे बोली बतिया लगैले हम ताला॥
जवानिया के दुई बूँद खून घट जाला॥
मस्त लिखा है ....एक सुन्दर पोस्ट ...मैं राजस्थान से हूँ पर....अन्य भाषाओ से भी बहुत लगाव है आपकी रचना ...बहुत ही अच्छी लगी बधाई स्वीकारे ...बस इसी तरह लिखते रहे ..इतजार में
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meena ji bahut bahut shukriya...
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