सूरज विचरे मस्त गगन मा॥
डोलन लागी भुइया॥
हंसे हिलोरे बहे बयरिया॥
नाचन लागी कुइया॥
हे गोइया रहिया निहार के चला॥
संस्कार कय डोर न तोड़ा॥
न बूडा उतिराह ॥
बिना बात के बोली न बोला॥
न कहूके घर जाह॥
रगड़ झगड़ से दूर जब रहबू॥
शांत रहे सरसुइया
हे गोइया रहिया निहार के चला॥
बहुत खूब, लाजबाब !
जवाब देंहटाएंthankyou sir,,,jeellllllllllllllllllll
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