सतरंगी ई तोहरी चुनरिया॥
कहवा डाली रंग॥
प्रेम रुपी पी मदिरा हम॥
ऊपर से पी भंग॥
कहा हम रंग डाली॥
कहा तोहका तन्कारी॥
आवा रंग लगावा॥
होली माँ उधम मचावा॥
होली है भाई होली है॥
बुरा न मानो होली है॥
मनमौजी की टोली है॥
होली है भाई होली है॥
सतरंगी ई तोहरी चुनरिया॥
कहवा डाली रंग॥
प्रेम रुपी पी मदिरा हम॥
ऊपर से पी भंग॥
कहा हम रंग डाली॥
कहा तोहका तन्कारी॥
आवा रंग लगावा॥
होली माँ उधम मचावा॥
होली है भाई होली है॥
बुरा न मानो होली है॥
मनमौजी की टोली है॥
होली है भाई होली है॥
लड़का:ललचाय जाबू रानी॥
जब खोलब पेटारिया॥
लड़की॥ डेराय जाबा राजा॥
रात अंधिअरिया॥
लड़का: तलवा घूमे तलैया घूमे॥
कच्ची पक्की सब का ढूढे॥
लुकाय जाबू रानी ॥
लौकत सेजरिया॥
लड़की: सर्दी झेले गर्मी झेले॥
मोट पातर सब हम ठेले॥
बिछलाय जाबा राजा॥
होत भोरहरिया॥
लड़का: अन्दर घूमे बाहर घूमे॥
गुल्ली खेले डंडा खेले॥
खिशियाय जाबू रानी ॥
बोलत कोयलिया॥
लड़की: पूरब गइली पश्चिम गइली॥
धानी चुनरिया भई न मैली॥
मुसकाय देवेया राजा ॥
देखत सुरतिया॥
भौजी: देवरा बेईमान हमके नजरिया मारे॥
देवर: भौजी तोहरी चाल हमरे जिया मा साले॥
भौजी: होत भिनौखा सीटी बजावै॥
दुपहरिया मा भितरा बोलावे॥
कई देइहय बदनाम॥ हमके नजरिया मारे...
देवर: होठवा की तोहरे लाली राशीली॥
नैन पुतरिया काली पीली॥
मधुर मुग्ध मुस्कान ॥ हमरे जिया में साले॥
भौजी: संझलौका मा करय बरजोरी॥
छीना झपटी जोरा जोरी॥
देखावे मीठा पान ॥ हमके नजरिया मारे॥
देवर: मन ललचाय बिरवे बतिया॥
धक् धक् बोले भौजी कय छतिया॥
तोहके घुमईब सिवान ॥ हमरे जिया में साले ॥
चकित भई गोरी॥चकित भई गोरी॥चकित भई गोरी॥
देख के दुपट्टा॥ ॥चकित भई गोरी॥
ई दुपट्टा ब्रम्हा को भावा॥
हंस के सुनावे विद्दया के लोरी॥
॥चकित भई गोरी॥
ई दुपट्टा विष्णू को प्यारा॥
लक्ष्मी ने खुद की बनायी..डोरी
॥चकित भई गोरी॥
ई दुपट्टा भोले को प्यारा॥
गौरा चकित भई शिव की गौरी॥
॥चकित भई गोरी॥
चल गयी गोली होली मा॥
जाके लागी दिल पे॥
चल जोगीरा मिल के ..........चल जोगीरा मिल के॥
यहो गोली का स्वाद निराला॥
मन में भावा उजियार॥
टटिया फटका तोड़ के पहुचा॥
प्रेम लता के द्वार॥
चारिव नयना मिळत शुभ भा॥
हंसी लता खिल खिल के॥
चल जोगीरा मिल के ..........चल जोगीरा मिल के॥
यह गोली कय अद्भुत लीला॥
झम झम झम झम बरषे मेघा॥
मिले चैन दिल दिल के॥
चल जोगीरा मिल के ..........चल जोगीरा मिल के॥
गावय मल्हार गावय मल्हार॥
भौजी देवरवा दुइनव जाने॥
भौजी की अंखिया चन्दा चकोरी॥
चारव नयनवा करते बलजोरी॥
रतिया संग जल मा कराय बिहार॥
भौजी देवरवा दुइनव जाने॥
भौजी हँसे देवरा जब हंसावय॥
ठुमक ने नाचय देवरा जब गावय॥
चंचल जवानी मारे फुफकार॥
भौजी देवरवा दुइनव जाने॥
भौजी कय सूरत ममता कय मूरति॥
प्यार कय गठरी दुइनव खोलत॥
रस मारय रचना रस दार ...
फागुन मा भौजी खिला करय॥ फागुन मा॥
छुप छुप हमसे मिला करय॥ फागुन मा॥
कजरा लगावय। अंचरा उडावे ॥
लाली देखावय । लिपस्टिक लगावय॥
मतवाली मदिरा पिया करय... फागुन मा॥
कमर लचाकावय । जीभ देखावय॥
बात बनावय मनवा लूभावय॥
रतिया माँ देवरा से मिला करय॥ फागुन मा॥
मन लल्चावय छुप छुप आवय॥
अपने हाथ से पान करवाय॥
धक्के पय धक्का दिया करय॥ फागुन मा॥
हमारे कुछ गीत इस लिंक पर भी है॥ http://007-avadhipoemgeet.blogspot.com/
भौजी देवरा से कहय चोचलायी॥
बबुवा हमके खिलावा खटाई॥
रही रही आवत है ओकलाई॥
पहली हिचकी रतिया में आइली ॥
जब सासू गोड़ दबाई॥
बबुवा हमके खिलावा खटाई॥
दूसरी हिचकी रोसैया में आइली॥
जब रही खाना बनायी॥
बबुवा हमके खिलावा खटाई॥
तीसरी हिचकी सेजिया पे आइली॥
जब रही आवत औघाई॥
बबुवा हमके खिलावा खटाई॥
सरका न हुआ ॥ सरका न हुआ॥
आवा हिया सरका न भौजी॥ २
हथवा से अपने हमके खिलावा॥
तेल लगावा कजरा लगावा॥
मनवा का हमारे हंस के हंसावा...
आवा हिया सरका न भौजी॥ २
आँख मचकावा जीभ देखावा॥
अपने सेजारिया के बात बतावा...
अबतो न हमारा जारा जिया...
आवा हिया सरका न भौजी॥ २
होलिया मा नचाउब अंगना में॥
रंग नहलाउब गगरा से॥
हंस बोलाबू फेका न बिया॥
आवा हिया सरका न भौजी॥ २
डांका न डाला बबुआ॥
खोल देब टटिया॥
माल लूट लेना॥
बैठाय देब मचिया॥
डांका न डाला बबुआ॥
खोल देब टटिया॥
अन्दर लूटेया ॥
बाहर लूटेया॥
बचाय देहा बबुआ॥
बीच वाली लजिया॥
डांका न डाला बबुआ॥
खोल देब टटिया॥
गोली दगाया ॥
उधम मचाया॥
लगाय देहा बबुआ॥
जवानी में दगिया॥
डांका न डाला बबुआ॥
खोल देब टटिया॥
हाथ लगाया॥
खूब तत्कोल्या॥
उमारिया कय गठरी॥
धीरे धीरे खोलेया॥
अकुलाय जाबा बबुआ॥
सजाय देब सेजिया॥
डांका न डाला बबुआ॥
खोल देब टटिया॥
मटकी फोड़ेया ॥
दही अड़ाया..
बताय देब बबुआ॥
बचपन कय बतिया॥
डांका न डाला बबुआ॥
खोल देब टटिया॥
बाटेया बकलोल॥
लजात बा सेजिया॥
सोवे न जाना ॥
सोवा करवाटिया॥
मन नाही भावे ॥
तोहरी सुरतिया॥
काटे दौड़े॥
कटही बोलिया॥
हमरी अव अपनी ॥
मिलवा सुरतिया॥
बाटेया बकलोल॥
लजात बा सेजिया॥
सोवे न जाना ॥
सोवा करवाटिया॥
टेठी मेथी बात बतावा॥
सखियाँ संग मोरी हसी करवा॥
लगत बा ऐसे कट जाए॥
उमरिया॥
बाटेया बकलोल॥
लजात बा सेजिया॥
सोवे न जाना ॥
सोवा करवाटिया॥
न मिलबय कलकत्ता काशी॥
न तो मिलबय खोली मा॥
आय के तोहरे रंग लगाऊब॥
रंग बिरंगी होली मा॥
जब गोरे गाल पे लगे अबीरिया॥
होय जाबु कचनार॥
अंखिया चकर मकर न देखे॥
झरे लागे उपहार॥
हंसी तोहाय छुपा के रखबय॥
मन मंदिर की झोली मा।
न मिलबय कलकत्ता काशी॥
न तो मिलबय खोली मा॥
आय के तोहरे रंग लगाऊब॥
रंग बिरंगी होली मा॥
देख के लीला मोहित होबू॥
भगबू आगे पीछे॥
पाय इशारा अंचरा खिचब॥
मनवा मन कुछ सीखे॥
पता चले पल गुजर जाये कब॥
हंसी मज़ाक ठिठोली मा॥
न मिलबय कलकत्ता काशी॥
न तो मिलबय खोली मा॥
आय के तोहरे रंग लगाऊब॥
रंग बिरंगी होली मा॥
अबकी होलिया मा हील जाए छपरा॥
जब आय भौजी लगाउब तोहरे कचड़ा॥
तलवा तलैया से कनई लई आउब॥
गैया के गोबरा में ओहके मिलाउब॥
उपरा से डालब भीग जाए घांघरा॥
अबकी होलिया मा हील जाए छपरा॥
जब आय भौजी लगाउब तोहरे कचड़ा॥
आउब न aकेले रईहय हमजोली॥
दस दस खाए रईहय भांग के गोली॥
धय के दबोच देब होय चाही लफडा॥
अबकी होलिया मा हील जाए छपरा॥
जब आय भौजी लगाउब तोहरे कचड़ा॥
सखियाँ सहेली का सब के बोलाऊ॥
टीप टाप कय के बदन महकाऊ॥
भले से बवाल होए भले होए लफडा॥
जब आय तोहरा उठाउब अचरा॥
लड़का:
उतार देब घाँघरा॥
मारा न पिचकारी॥
लड़की:
करवाय देब भांगड़ा॥
हयी न अनाड़ी॥
लड़का:
रंग लगावा नइखे॥
चहता बहावा॥
मटिया धूर से ॥
हमें न नहलावा॥
देखे देब आगरा॥
मारा न पिचकारी॥
लड़की:
पास हमारे आवा ॥
रंग लगवावा॥
हथवा से अपने ॥
हमें नहलावा॥
करवाय देब लंगडा॥
हयी न अनाड़ी॥
लड़का:
अतना गुरुर नइखे ॥
करा बारी धनिया॥
बवाल होई जायी॥
उठाय लेब कनिया॥
भेजवाय देब कांगड़ा॥
मारा न पिचकारी...
होली आईल होली आईल॥
हुड्दंगो की टोली आईल॥
माथ गुलाल हाथ पिचकारी॥
घर पकडंदी डाली डाली॥
फटा बस्तर है रूप अनोखा॥
कोई पंडित कोई पोंगा॥
रंग बसंती है पुरवाई॥
होली आईल होली आईल॥
कोई नशा किये दारू का॥
कोई पिए है भांग॥
कोई गांजा मा टुल्ली है॥
कोई पिए है झांग॥
समझ न आता कौन है भैया॥
कौन है मेरा यार॥
पकड़ो पकड़ो इनको पकड़ो॥
रंग जल्दी से दाल॥
बूढी अम्मा भी पगलाई॥
होली आईल होली आईल॥