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बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

होली आईल होली आईल॥

होली आईल होली आईल॥

हुड्दंगो की टोली आईल॥

माथ गुलाल हाथ पिचकारी॥

घर पकडंदी डाली डाली॥

फटा बस्तर है रूप अनोखा॥

कोई पंडित कोई पोंगा॥

रंग बसंती है पुरवाई॥

होली आईल होली आईल॥

कोई नशा किये दारू का॥

कोई पिए है भांग॥

कोई गांजा मा टुल्ली है॥

कोई पिए है झांग॥

समझ न आता कौन है भैया॥

कौन है मेरा यार॥

पकड़ो पकड़ो इनको पकड़ो॥

रंग जल्दी से दाल॥

बूढी अम्मा भी पगलाई॥

होली आईल होली आईल॥

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