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बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

लड़का:

उतार देब घाँघरा॥

मारा न पिचकारी॥

लड़की:

करवाय देब भांगड़ा॥

हयी न अनाड़ी॥

लड़का:

रंग लगावा नइखे॥

चहता बहावा॥

मटिया धूर से ॥

हमें न नहलावा॥

देखे देब आगरा॥

मारा न पिचकारी॥

लड़की:

पास हमारे आवा ॥

रंग लगवावा॥

हथवा से अपने ॥

हमें नहलावा॥

करवाय देब लंगडा॥

हयी न अनाड़ी॥

लड़का:

अतना गुरुर नइखे ॥

करा बारी धनिया॥

बवाल होई जायी॥

उठाय लेब कनिया॥

भेजवाय देब कांगड़ा॥

मारा न पिचकारी...

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