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शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010

क्या नैहर बजी थी बसुरिया॥

लड़का: सकुचाती शर्माती ॥
कैसे गईब पलंग पे आय रे॥
क्या नैहर बजी थी बसुरिया॥
लड़की: खुदगर्जी मनमौजी॥
लागल गया बिछ्लाय रे॥
क्या और कोई है लागुरिया॥
लड़का: नैन इशारा करते तेरे ॥
बदन गवा गदराय रे॥
क्या नैहर बजी थी बसुरिया॥
बात बनाने में माहिर हो॥
बहुत kiaa उत्पात रे॥
क्या और कोई है लागुरिया॥
लड़का: तन की खुसबू ॥
हमें बतावत ॥
तुने रास रचा मधु मास रे॥
क्या नैहर बजी थी बसुरिया॥

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