न हम खेलली गुल्ली डंडा॥
न गइली हम तारा रे॥
सबसे प्यारा हमरा सजनवा॥
हंस मुख बड़ा निराला रे॥
जब हँसते तो मोती झरते॥
आँख का जादू आला रे॥
न हम खेलली गुल्ली डंडा॥
न गईली हम तारा रे॥
जब चलते तो अम्बर मचले॥
ठुमक पवन मतवाला रे॥
न हम खेलली गुल्ली डंडा॥
न गईली हम तारा रे॥
उनकी garzan सुन नहीं सकते॥
पढ़े पुराण रोजाना रे॥
न हम खेलली गुल्ली डंडा॥
न गईली हम तारा रे॥
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