डुबकी लगा के थक गया॥
तेरी मस्त जवानी में॥
अब नहीं डूबना पानी ॥
अब नहीं डूबना पानी ॥
गेरुवा बस्तर मै धारण करके॥
गली गली में जाऊगा॥
राम नाम अब रहेगा मुख पर॥
हरी का नाम ही गाऊगा॥
लालच का यह लफडा है॥
मजा नहीं कहानी ॥अब नहीं डूबना पानी ॥
माया मोह के चक्कर में॥
इतना जीवन मै व्यर्थ किया॥
अत्याचार अनादर ॥
और बुरे भी काम किया॥
अबतो पाप हरो हे देवा॥
मै पकड़ा तेरे निशानी को॥
अब नहीं डूबना पानी ॥
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंdhanyavaad,, sanjay ji,,,,,,
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