दिल दीवाना बना दिया॥
जगाया आस इतनी क्यो?
जगाया आस इतनी क्यो?
दिल दीवाना बना दिया॥
सोयी थी प्रेम की राहे ॥
उसे फ़िर से जगह दिया॥
जोड़ कर प्रेम के नाते॥
रशिली बातें करके तुम॥
न जाने कैसे बदली चाई॥
तुने अपना बना लिया॥
अबतो जलते है पड़ोसी ॥बोलना गुनाह हो जाएगा॥
गुलशन में आना कम कर दो॥
नही मिलना दुश्वार हो जाएगा॥
डर लगता है कही सूख ना जाए ये क्यारी॥
बगीचे की रौनक में क्यो ॥
जाली लगा दिया॥
सजा के थाल रखी हूँ जेवना बना डाली हूँ॥
तुम्हे आने की चाहत में सेजिया डाली हूँ॥
या तो आना जाना तुम छुप के॥आँचल में छुपा लूगी॥
तुम्हारी प्रेम की बगिया सजन ॥हस के सजा दूगी॥
निगाहें झपटी नही यारा॥जो टिका लगा दिया॥
thankyou sir...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
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