कच्ची उमरिया गुमान न करा॥
टका शेर न बिकाबू :टका शेर न बिकाबू ॥
कच्ची उमरिया गुमान न करा॥
राह चलतू करा न पंगा॥
गाँव के लरिकन करिहै दंगा॥
चढली जवानिया खिलवाड़ न करा॥
टका शेर न बिकाबू :टका शेर न बिकाबू ॥
आँख न लड़ावा रूमाल न गिरावा॥
धानी चुनरिया मा दाग न लगावा॥
चार दिन के जिनगी बवाल न करा॥
टका शेर न बिकाबू :टका शेर न बिकाबू ॥
हाट न घूमा बाज़ार न घूमा॥
यारन के बहिया न झूमा॥
घर म अंजोर ब अंधियार न करा॥
टका शेर न बिकाबू :टका शेर न बिकाबू ॥
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंthankyou bhaskar ji,,,,
जवाब देंहटाएं