नइखे तोड़ेया बतिया॥
गवार तोहरी जातिया॥
ज्यादा न बोला न ॥
उतार लेबय इज्जतिया...
ज्यादा न बोला न ॥
हमें छिछोरी न सम्झेया॥
न आवारा पकडंदी॥
तोहरी कला हमें मालुम बा।
कितना पडा पाखंडी॥
देखे देवेय न तोहका तोहरी अवकतिया।
हाथ गोड़ से समरथ बाटी॥
जांगर बा दमदार॥
न तो हमका कॉन्व चिंता॥
न चाहि उपकार॥
देखाय देबय न ॥
तोहरी काली सुरतिया ॥
नइखे तोड़ेया बतिया॥
गवार तोहरी जातिया॥
ज्यादा न बोला न ॥
उतार लेबय इज्जतिया...
हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंthankyou bhaskar ji,,,,
जवाब देंहटाएं