ऐसी क्या है प्रीटी प्रिये॥
सोवत भैव हलाल॥
तनिक मनिक झटके लगा॥
हुमक के मारू लात॥
हंस के हम तो सह गए॥
पर आवे तोहे न लाज॥
गुणवान कय साथ मिला॥
अंगना लगा भभाय॥
थिरकत जियरा मगन भा॥
अब कली नहीं कुम्भलाय॥
ढर्रा सीधे पकड़ चला॥
नहीं आय जाए भूचाल..
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