पहली बार जब नैहर छोड़ा॥
ससुरे मा जाय पगुराय आवा॥
चुनरी मा दाग लगाय आवा॥
सुजिया पे उधम मचाय आवा॥
सासू कय गोड़ दवाय आवा॥
देवरा से अठिलाय आवा॥
चुनरी मा दाग लगाय आवा॥
सुजिया पे उधम मचाय आवा॥
पहिला दिन बीता जोगा छेमा मा॥
रतिया मा हलचल मच गयी॥
बंद केवाडिया ताकत रहली..
माथे पे तिलक लगाया आवा॥
चुनरी मा दाग लगाय आवा॥
सुजिया पे उधम मचाय आवा॥
रहन सहन सब बूझत रहली॥
आँगन भीतर के चक्कर मा॥
देवरा से नैना चारी होय्गे॥
रस भरी नयन से टक्कर मा॥
मन तसल्ली अब कर बैठा ॥
आधे मा नाम लिखे आवा॥
चुनरी मा दाग लगाय आवा॥
सुजिया पे उधम मचाय आवा॥
जवानी कय दाह बुझाय आवा..
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