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शनिवार, 26 जून 2010

पडरू कय मेहरारू..

टिपिर टिपिर बात करय॥

पहिन के नथुनिया॥

बड़ी चमकदार बा॥

पडरू कय मेहरिया॥

बात करय लागे तो देवार लग जाए॥

नानका बेटाव्ना खटिया पे चिल्लाय॥

बड़ी बलखात बा ओहके कमरिया॥

टिपिर टिपिर बात करय॥
पहिन के नथुनिया॥
बड़ी चमकदार बा॥
पडरू कय मेहरिया॥

हंस हंस के अंखिया से किले इशारा॥

कहे रात आया खोलव किवाड़ा॥

बड़ी चटकोर लागे ओढ़े जब ओढनिया॥

टिपिर टिपिर बात करय॥
पहिन के नथुनिया॥
बड़ी चमकदार बा॥
पडरू कय मेहरिया॥

सोहदा पडारुवा बाटे करय नाही खेला॥

झुलावे न झुलवा देखावे न मेला॥

देखय मा ज्यादा लागे ओहकी उमारिया॥

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