मै चंडाल किस्म का प्राणी हूँ॥
सबसे बड़ा हरामी हूँ॥
मै भक्षण करता हूँ जीवो को॥
काल का काल सुनामी हूँ॥
मार झपाटा करू शिकार...
मेरी नहीं कोई मिशाल ॥
मेरी आवाजो को सुन करके॥
हाथी बंद करता चिघ्घार॥
हर तजुर्बा मालुम मुझको...
मै सबसे बड़ा खिलाड़ी हूँ...
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