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बुधवार, 9 जून 2010

शेर...



मै चंडाल किस्म का प्राणी हूँ॥


सबसे बड़ा हरामी हूँ॥


मै भक्षण करता हूँ जीवो को॥


काल का काल सुनामी हूँ॥


मार झपाटा करू शिकार...


मेरी नहीं कोई मिशाल ॥


मेरी आवाजो को सुन करके॥


हाथी बंद करता चिघ्घार॥


हर तजुर्बा मालुम मुझको...


मै सबसे बड़ा खिलाड़ी हूँ...


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