चढ़ा बुखार जवानी का तो॥
सोलह चक्कर लगा लिए॥
फिर तनहा तनहा नहीं घूमे॥
कई लडकिया पटा लिए॥
कोई शूट में कोई जींस में ॥
कोई मोडल दिखती॥
कोई हिंदी कोई अंग्रेजी॥
कोई फारसी लिखती॥
हिंदी वाली सूरत पे॥
अपनी जान हम फ़िदा किये॥
फिर तनहा तनहा नहीं घूमे॥
कई लडकिया पटा लिए॥
हिन्दुस्तानी प्यारी गुडिया॥
मेरे मन को भा गयी॥
छुप छुप को मिलने से॥
बाहों में मेरे आ गयी॥
उसकी अदाओं पे फ़िदा मेरा दिल॥
सब कुछ हम कुर्बान किये॥
फिर तनहा तनहा नहीं घूमे॥
कई लडकिया पटा लिए॥
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