हाथो की लकीरे प्रिये कहती है क्या? सुनिए॥
तारीफ़ करती है आप की आप भी कुछ बोलिए॥
कहती है साजन तेरा बड़ा समीप समुन्दर है॥
अपने में समेट लेता दिल को वह अन्दर है॥
आप के होठो की हंसी बन जाती एक पहेली॥
पहले दिन की बात याद kar हसती मुझपर मेरी सहेली॥
मै प्यार के झूले में बैठी आप भी तो झूलिए॥
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