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शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

आना आना मतलबी यार...

मगर दिल साथ लाना

जब तुम साथ में दिल लाओगे

वादा पूरा कर पाओगे

मुझको पडेगा पछताना...

मगर दिल साथ लाना

जब साथ में दिल लाओगे

अपने जाल में हमें फसाओ गे

हंस हंस के बात बताना

मगर दिल साथ लाना

जब तुम दिल को साथ लाओगे

प्रेम की पेंग हमें पिलाओगे

गाओगे प्रेम तराना...

मगर दिल साथ लाना..

बाहुबली...

बाप पूत दुइनव जने मारेन
घौसा वाले नारे
चार दिना से बंद है बच्चू
लालगंज के थाने मा
गांव भरे धाक जमावय...
और निपोरे खीस
अगर केहू उनके बात माने
लिये तुरन्तय फीस
बुरी दशा राज्कलिया कय कीन्हा
घुस के ओहके ओसारे मा
चार दिना से बंद है बच्चू॥
लालगंज के थाने मा॥
गाय भैस गर खेत मा परि गय
समझ लिया फिर होयगा काम
बाँध पेड़ मा लाठी मारय
लाल कराय खूब ओके चाम
सुन्दर कन्या देख लीये तो
ओह्का बोलावय नारे
चार दिना से बंद है बच्चू॥
लालगंज के थाने मा॥
इनके ऐसी नियत बुरी है
करय अनर्गल काम
पांच पड़े कय रात मा तोडें
रामदस्वा कय आम
गाँव वाले जब खेद लहें तव
छोड़ के भागे निनारे मा

बुधवार, 7 दिसंबर 2011

इसका हमें उत्तर चाहिए...?

.सोने के बाद ख्वाबो में क्या दोगे?

.बिछड़ने के बाद यादो में क्या दोगे ?

.मांगू अगर जिंदगी का साथ तो जबाब क्या दोगे?

अवध में होली...

सखियन संग जनक दुलारी

अवध मार रही पिचकारी

कहा से आयी कनक पिचकारी

कहा की जनक दुलारी..अवध मा

राम जी लाये कनक पिचकारी

मिथिला की जनक दुलारी... अवध मा

के .के मारे भर पिचकारी

कहके आयी बारीअवध

तीनी भैया मारे पिचकारी

भीगे सिया की साडीअवध..

के के रंग अबीर लगावे

कहके बची है बारी..अवध

रंग अबीर से रंगे नर नारी

बची राम की बारीअवध

के के ढोलक झांझ बजावे

के बजावे तालीअवध में

चारो भैया तन लगावे...

सिया बजावे तालीअवध.

बड़े चढ़े तो हम नहीं

तो है मगरूर...

तो कोई पाप मन में

बने हम क्रूर...

गरीब परिवार से हूँदिल्ली में एक प्राइवेट कोलेज में लिब्ररियन हूँबस कुछ बनाने की तमन्ना है तो वह हैएक च्छा लेखक बनने की काश मेरी ये अभिलाषा पूर्ण हो...

हो सका मेरा...

जिस चाँद को छोने वाला था
उसे और किसी ने पाला था
मै उसका मतवाला था
वह मुझे चाहने वाला था
छुप छुप के हाथ बढाता था
औरो से घबराता था
वह मेरा प्रेम पुजारी था
मै उसका प्रेम पुजारी था
वह दिल का भोला भाला था
मै थोड़ा सा काला था...
मै हंसी हंसी में कहता था...
वह कहने से डरता था
उसका रूप निराला था ...
तभी तो हमको प्यारा था...
जिस चाँद को छूने वाला था...
उसे और किसी ने पाला था...

हम अपने बिटिया के चौथी मा

बोटी रोटी खाय आवा

धोती करता हेरवाय आवा

पुरखन कय नाक कटाय आवा

अपने मंझली बिटिया के घर

चौथी लय के चला गए हम

पांच सात जन साथ रहे जौन

बिटिया के घर रुक गए हम

इज्जत पानी जम के भय

रोटी बोली कय जुआड़ बना

महुआ कय दारू पड़ी मेज पे

बगल भुकी मा दाल चना

लौडन के मन का भाय गवा

हमहू पैग चटकाय आवा

बोटी रोटी खाय आवा॥

धोती करता हेरवाय आवा॥

पुरखन कय नाक कटाय आवा॥

गप्पन पय गप्पे चलत रही

जाम पय जाम टकरात रहा

झिन झिन मा झंझट होत रही

हमरव मुद्वा टकरात रहा

चार किलो तक बोटी रोली

हम नशे मा खाय आवा

बोटी रोटी खाय आवा॥

धोती करता हेरवाय आवा॥

पुरखन कय नाक कटाय आवा॥

नशा मा इतना जुल्म भवा

हम याददाश्त सब भूल गए

जैसे मस्ती मा सांप लोटे

वैसी मस्ती मा झूल गए

उही नशा मा चला गए

एक बगली ऊख के खेते

गोड़ लगा मेड़े के बगली

जाय गिरे चपेटे मा

वही नशा के औझाद मा

सार रुपिया हेर्वाय आवा

बोटी रोटी खाय आवा॥

धोती करता हेरवाय आवा॥

पुरखन कय नाक कटाय आवा॥

भवा भिनौखा तक मेहरारुवान

टट्टी का जब जात रही

हाय हाय हम करत रहे

हमरिव बात ओनात रही

पड़ी निगाह समधिन कय हमरे

मुह से निकल हे दैया

लागत तो हमारे समधी बाटे

बहु देख तोहरे अहे बपैया

अपने बिटिया के ससुरे हम

सागरी नाक कटाय आवा

बोटी रोटी खाय आवा॥धोती करता हेरवाय आवा॥

पुरखन कय नाक कटाय आवा॥

इतनी अच्छी समधिन हमरे

हमका साल ओधाय दिही

आँचल से मुह ढकवाय दिही

हमरिव इज्जत बच्वे लिही

पीछे वाले दरवाजे से .घर के अन्दर लाय दिही

महकौवा साबुन लय के हमका खूब नहवाय दिही

अपने दिहिया कय कोयला माटी

समधिन से धुलवाय आवा

बोटी रोटी खाय आवा॥धोती करता हेरवाय आवा॥

पुरखन कय नाक कटाय आवा॥

जब हम समधिन कय सूरत देखी

मनही मन कुछ बोली

खडा रहे बिलकुल लख्ताक्वा

येह्मू डोली ओहमू डोली

झट से समधिन बोल पड़ी कैसें रात गुजार हा

लखत रहेया अगली बगली कतहू का मुह मारेया हां

दिल कय बात हमसे मत पूछा ..फ़ोकट मा रात गुजार आवा

बोटी रोटी खाय आवा॥धोती करता हेरवाय आवा॥

पुरखन कय नाक कटाय आवा॥

इतनी अर्ज हमारी बाटे राज कतव तू खोलू

हमरी बिटिया जो बहू तुम्हारी बात तू ओहसी बोलू

आपस कय मसला आटे दिल के अन्दर छुपे लिहू

अगर जरुरत कभो पड़े तो पीछे दरवाजे बोले लिहू

हंसी ठिठोली मा पल बीता समधिन से आँख लडाय आवा...

बोटी रोटी खाय आवा॥धोती करता हेरवाय आवा॥पुरखन कय नाक कटाय आवा॥

मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

बेटी..

जब चलती मेरी गुडिया रानी

बजाते घुघरू पाँव में

जा लली मेरी बाहों में

हर पल तुझको खुश रखूगी

साड़ी खुसिया पह्नाऊगी

जो मांगे हीरे मोती

अगर मिले तो लाऊगी

लली मेरी खुशिया बिखराए

धुप से जा छहों में...

रहा मुझको पुत्र मोह अब

तू ही मेरी तमन्ना है

इस जहा में नाम करोगी

हर पल तुझे सम्भलना है

हर घडी तुझे प्यार करू मै

बस जा मेरी आशाओं में

लोग कहेगे मुह से अपने

मेरा सपना सच्चा है

रोशन होगा नाम हमारा

सब कहे मेरा बच्चा है

हरदम प्यार करे तेरा साजन

रखे अपनी बाहों में

घुइशर नाथ baba

भक्त की इच्छा पूरी कर दो

बाबा घुइसर नाथ

तुम्ही पर जान नेछावर

तुम्ही पर शान नेछावर

एक विनय मेरी है बाबा

जब का करो कल्याण

तुम्ही पर जान नेछावर॥तुम्ही पर शान नेछावर॥

सच के पथ पर चालू हमेशा

लोगो का उपकार करू...

अत्याचारी पापियों से

जीवन में कभी डरू

अगर जरुरत पड़ जाए तो

उनका करू विनाश

तुम्ही पर जान नेछावर॥तुम्ही पर शान नेछावर॥

हर घर में खुशिया का सागर...

झर झर झर झरता रहे

भूखा प्यासा रहे कोई

नेक काम करता रहे

ऐसी बया चला दो भोले

सारे करे बखान

तुम्ही पर जान नेछावर॥तुम्ही पर शान नेछावर॥

लोग नित मंदिर में आये

करे तुम्हारा ध्यान...

चारो तरफ भाईचारा हो

पढ़े वेद पुराण

मर्यादा की डोर बाँध दो

करे कोई पाप

ऐसी लीला रच दो बाबा

सभी करे गुणगान

तुम्ही पर जान नेछावर॥तुम्ही पर शान नेछावर॥

राधा मार रही पिचकारी
कान्हा भागे गली गली
सब रंगों से भरी पिचकारी
कान्हा चढ़े कदम्ब की डाली
कान्हा नाच रहे ग्वालो संग
राधा देखे खड़ी खड़ी ...
रंग अबीर राधा ने डाला
कान्हा भी पिचकारी मारा
बज गयी ढोल गाते ग्वाल...
चारो अंखिया लड़ी लड़ी
बरसाने की राधा प्यारी
अपने घर की राजदुलारी
रंगों से सारे रंगे हुए है
मोतियाँ की लागी झड़ी झड़ी
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जाओ नन्दलाल
रंग तोहे डालूगी
होली के आज
पिचकारी तोहे मारूगी
सब रंगों को सजा के राखी
संग अबीर गुलाल
नीला से तोहे पीला करूगी
रंग डालूगी गाल
सजा के राखी थाल
आरती उतारूगी
पीताम्बर को नीला करूगी
तुम्हे करूगी गोरा
आओ मुझे अजमा के देखो
नन्द बाबा के छोरा
लेलो आके मैदान
तुम्हे पछाडूगी
इलाची लोग कय बीरा लगायी..

सोमवार, 5 दिसंबर 2011

मैंने आप को की होली के गीत भेज दिए है और मुझे आशा है की आप को सारे के सारे गीत पसंद आयेगे .और आप सरलता से गा भी लेगीअगर कही कोई शब्द या बोल अन्तर समझ आये तो आप हमें कॉल कर सकती है
सरस्वती माँ आप को स्वर दे और संगीत को सजायेयही मेरी दुआए है
धन्यवाद
शम्भू नाथ
९८७१०८९०२७

खुशियों का भारत लायेगे...

शिव शंकर ने बार दिया है॥
बुरायी का दंभ ढहाए गे ॥
भ्रष्टाचार को दूर करके॥
खुशियों का भारत लायेगे॥
शिव जटा से गंगा बोली॥
पुत्र तेरा कल्याण हो॥
बुरे कर्म से दूर रहो तुम॥
जुग जुग तेरा नाम हो॥
पापियों की पाप की नगरी॥
पल भर में जलायेगे।
भ्रष्टाचार को दूर करके॥
खुशियों का भारत लायेगे॥
चारो दिशाए हरी भरी हो॥
चिडियों का हो कलरव॥
सब खेतो में सही उपज हो॥
करे न लोग उपद्रव॥
जन जन में हो प्रेम की भाषा...
तब देव पुष्प बरसायेगे॥
भ्रष्टाचार को दूर करके॥खुशियों का भारत लायेगे॥

नादान..बलामुवा..

ऐसा मिला नादान बलामुवा
हमसे कन्नी काटय
कभो तो अगली भागय
कभो तो बगली भागय...
कुछ बोलय कुछ डोळ्य
पकडे मोरा हाथ
सारी कोशिस खाली होय गय
घर से बाहर भागय...
कभो तो अगली भागय॥कभो तो बगली भागय...
सेजिया कय सब फूल सूख गए
काटू अकेली रात...
सर सर सर बहे पवनवा
कट कट बोलय दांत
कुछ बोलू तो कस के डांटे...
कभो तो अगली भागय॥कभो तो बगली भागय...

दे दो हमको गरम राजायी..

मम्मी मम्मी ठंडी आयी॥

दे दो हमको गरम राजायी॥

गरम रजाई में मै सोऊगा॥

अपनी नींद नहीं खोउगा ...

सुर सुर हवा बहुत चलती है॥

कसम से मैया बहुत खलती है॥

ठिठुर ठिठुर कर हो गया दुबला॥

बटुर बटुर के हो गया कुबड़ा...

ऊपर से महगायी छायी॥

दे दो हमको गरम राजायी...

जाते जाते जगवालो से
एक छोटी सी अरदास है...
बहुत जरुरी नहीं है भैया
छोटा बड़ा एक काम है...
हिलमिल कर रहने पे
अम्बर भी शीश झुकाते है...
प्रेम भाव को देख कर
बैरी भी कतराते है...
पापी पाप छोड़ देते है...
कहते ये अपराध है...
पथ से अपने पैर हटाना
मरते दम तक प्यारे वीर
प्राण निछावर कर देना
पर नहीं झुकाना दुश्मन को शीश...
सब प्राणी को खुशिया देना
यही तेरा उपहार है...
उंच नीं की बात करना
हिन्दू सिख इसाई की
सब सज्जन से हाथ मिलाना
बात करना सच्चाई की...