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सोमवार, 5 दिसंबर 2011

नादान..बलामुवा..

ऐसा मिला नादान बलामुवा
हमसे कन्नी काटय
कभो तो अगली भागय
कभो तो बगली भागय...
कुछ बोलय कुछ डोळ्य
पकडे मोरा हाथ
सारी कोशिस खाली होय गय
घर से बाहर भागय...
कभो तो अगली भागय॥कभो तो बगली भागय...
सेजिया कय सब फूल सूख गए
काटू अकेली रात...
सर सर सर बहे पवनवा
कट कट बोलय दांत
कुछ बोलू तो कस के डांटे...
कभो तो अगली भागय॥कभो तो बगली भागय...

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