मम्मी मम्मी ठंडी आयी॥
दे दो हमको गरम राजायी॥
गरम रजाई में मै सोऊगा॥
अपनी नींद नहीं खोउगा ...
सुर सुर हवा बहुत चलती है॥
कसम से मैया बहुत खलती है॥
ठिठुर ठिठुर कर हो गया दुबला॥
बटुर बटुर के हो गया कुबड़ा...
ऊपर से महगायी छायी॥
दे दो हमको गरम राजायी...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें