बाप पूत दुइनव जने मारेन॥
घौसा वाले नारे म॥
चार दिना से बंद है बच्चू॥
लालगंज के थाने मा॥
गांव भरे म धाक जमावय...
और निपोरे खीस॥
अगर केहू उनके बात न माने॥
लिये तुरन्तय फीस॥
बुरी दशा राज्कलिया कय कीन्हा॥
घुस के ओहके ओसारे मा॥
चार दिना से बंद है बच्चू॥
लालगंज के थाने मा॥
गाय भैस गर खेत मा परि गय॥
समझ लिया फिर होयगा काम॥
बाँध पेड़ मा लाठी मारय॥
लाल कराय खूब ओके चाम॥
सुन्दर कन्या देख लीये तो॥
ओह्का बोलावय नारे म॥
चार दिना से बंद है बच्चू॥
लालगंज के थाने मा॥
इनके ऐसी नियत बुरी है॥
करय अनर्गल काम॥
पांच पड़े कय रात मा तोडें॥
रामदस्वा कय आम॥
गाँव वाले जब खेद लहें तव॥
छोड़ के भागे निनारे मा॥
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