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मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

बेटी..

जब चलती मेरी गुडिया रानी

बजाते घुघरू पाँव में

जा लली मेरी बाहों में

हर पल तुझको खुश रखूगी

साड़ी खुसिया पह्नाऊगी

जो मांगे हीरे मोती

अगर मिले तो लाऊगी

लली मेरी खुशिया बिखराए

धुप से जा छहों में...

रहा मुझको पुत्र मोह अब

तू ही मेरी तमन्ना है

इस जहा में नाम करोगी

हर पल तुझे सम्भलना है

हर घडी तुझे प्यार करू मै

बस जा मेरी आशाओं में

लोग कहेगे मुह से अपने

मेरा सपना सच्चा है

रोशन होगा नाम हमारा

सब कहे मेरा बच्चा है

हरदम प्यार करे तेरा साजन

रखे अपनी बाहों में

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