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शनिवार, 3 दिसंबर 2011

बाबू..

लागौबय चुनरिया मा दाग बाबू

नाही फिकट मा चली जाए जान बाबू...

चुनरी हमारे पापा कय प्यारी...

इसकी बहुत करते रखवाली...

उनके मनवा मा आये उफान बाबू

चुनरी मेरी मम्मी की प्यारी

सुबह सबेरे बुहारय क्यारी

ऐसे करबय बदनाम बाबू

चुनरी हमारे चाचा का प्यारी...

मै उनकी हूँ राज दुलारी...

उनका करबय अपमान बाबू...

चुनरी हमरे भैया का प्यारी...

मै उनकी हूँ बागो की डाली

उनपे बा हमका गुमान बाबू...

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