बड़े चढ़े तो हम नहीं॥
न तो है मगरूर...
न तो कोई पाप मन में॥
न बने हम क्रूर...
गरीब परिवार से हूँ। दिल्ली में एक प्राइवेट कोलेज में लिब्ररियन हूँ॥ बस कुछ बनाने की तमन्ना है तो वह है। एक अ च्छा लेखक बनने की काश मेरी ये अभिलाषा पूर्ण हो...
बिल्कुल पूर्ण होगी..
बिल्कुल पूर्ण होगी..
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