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सोमवार, 5 दिसंबर 2011

खुशियों का भारत लायेगे...

शिव शंकर ने बार दिया है॥
बुरायी का दंभ ढहाए गे ॥
भ्रष्टाचार को दूर करके॥
खुशियों का भारत लायेगे॥
शिव जटा से गंगा बोली॥
पुत्र तेरा कल्याण हो॥
बुरे कर्म से दूर रहो तुम॥
जुग जुग तेरा नाम हो॥
पापियों की पाप की नगरी॥
पल भर में जलायेगे।
भ्रष्टाचार को दूर करके॥
खुशियों का भारत लायेगे॥
चारो दिशाए हरी भरी हो॥
चिडियों का हो कलरव॥
सब खेतो में सही उपज हो॥
करे न लोग उपद्रव॥
जन जन में हो प्रेम की भाषा...
तब देव पुष्प बरसायेगे॥
भ्रष्टाचार को दूर करके॥खुशियों का भारत लायेगे॥

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