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रविवार, 4 दिसंबर 2011

होली

गौरा संग होली मनाए रहे भोला॥

डम डम डमरू बजाय रहे भोला॥

भोले नाचे गौरा भी नाचे॥

नंदी गणेश संग मा साजे...

रंग पिचकारी चले रहे भोला॥

गौरा संग होली माने रहे भोला॥

कैलाश की होली गजब निराली...

मगन भये है सब नर नारी॥

मस्त मलंग मुसकाय रहे भोला॥

गौरा संग होली माने रहे भोला॥

सब भोले संग होली खेले..

जन जन सब गले मिले॥

भंगिया क्यों गोली खा रहे॥

गौरा संग होली मनाए रहे भोला॥

गौरा संग होली माने रहे भोला॥

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