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रविवार, 6 नवंबर 2011

उठाय देब फटका..

लड़की;- उठाय देब फटका ॥ झटका जिन मारा॥
लड़का:- गिराय देब खटका॥ हमें न उस्कारा॥
लड़की;- बाटेया बेदर्दी माना नहीं बतिया॥
रोजी जगावा सारी सारी रतिया॥
बताय देब sab का कितो खोला किवाड़ा..
लड़का:- रोज roj तू हमसे batiyaa बनावा..
बहुत अदरा हमरे सेजिया न आवा॥
लगाय देब तडका नखरा न झाड़ा...
लड़की;- पाय के मौक़ा इतना न सतावा॥
सुलगत देहिया पे हाथ न लगावा॥
भरवाय देब मटका मुस्की न मारा॥
लड़का:- आज अजमाय लिया ॥
जवानी कय ताकत॥
तोड़ देवय आजय हम सातव फाटक॥
बार बार हमका तो जिन फटकारा॥

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