पता नहीं क्या हुआ अचानक॥
मेरी खुसिया रूठ गयी॥
मन में जो अभिलाषा थी।
पल भर में साड़ी टूट गयी॥
एक दीवाने की जोगन थी॥
उसी के सपने आते थे॥
वह भी मुझमे हर पल रहता॥
बाते बहुत हसाती थी॥
इनता जल्दी सब हुआ अचानक॥
मेरी बगिया टूट गयी॥
गम ने मुझको जकड लिया है॥
समय किया मजबूर॥
अब न कोई लालसा ॥
न प्रकट होता गुरूर॥
मै न जानू क्या हुआ अचानक॥
शायद किस्मत फूट गई॥
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